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इसे तुष्टीकरण नहीं कहें, तो क्या कहें! एक और हेमंत सरकार उपद्रवी नदीम को एयर एंबुलेंस से भेजकर सरकारी खर्च पर इलाज करवा रही है। दूसरी ओर झारखंड की बेटी अंकिता को उसी के हाल पर छोड़ दिया क्योंकि जिहादी मानसिकता वालों शाहरुख ने उसे जलाया था। जनता यह दोहरी मानसिकता देख रही है।

 इसे तुष्टीकरण नहीं कहें, तो क्या कहें!

एक और हेमंत सरकार उपद्रवी नदीम को एयर एंबुलेंस से भेजकर सरकारी खर्च पर इलाज करवा रही है। दूसरी ओर झारखंड की बेटी अंकिता को उसी के हाल पर छोड़ दिया क्योंकि जिहादी मानसिकता वालों शाहरुख ने उसे जलाया था।

जनता यह दोहरी मानसिकता देख रही है।



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