. *तुम कहां हो अश्वत्थामा* अध्याय - ४ …
भरी-पूरी हों सभी बोलियाँ, यही कामना हिंदी है, गहरी हो पहचान आपसी, यही साधना हिंदी है…
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालं ओंकारं ममलेश्वरम्।।…
ऋग्वेद.... हमे बाँटकर खाना सिखाता है ... ऋग्वेद के अनुसार जो अनाज खेतों मे पैदा होता …
"परिवार में जब एक दूसरे का साथ होता है, फिर कोई सदस्य कभी भी हिम्मत नहीं खोता ह…
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